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Friday, August 7, 2009
क्लासरूम के लेक्चेर्स नेट पर -3
बी.ऐ भाग दो में पूँजी एवं संपत्ति का भारतीय राजनीति का क्या योगदान है , इस विषय पर एक छोटा सा पॉडकास्ट । इसकी विशेषता यह है कि इसमें वामपंथी दृष्टिकोण न लेकर Libertarian दृष्टिकोण से इस मुद्दे को देखा गया है। सुनिए , क्लीकयहाँकरें।
2 comments:
Anonymous
said...
SIR, CAN YOU ADJUST AN ARTICLE ON GLOBAL WARMING AND THE ROLE OF WESTWORLD IN IT'S PHYSICAL DISTT. Rhythm
सर, क्लासरूम के लेक्चर्स -३ " को आज हमने सुना , बहुत ही अच्छा लगा । पर क्योंकि हमने कुछ ठीक इन दिनों नहीं किया इसलिए आपके सामने आने से डर सा लगता है । दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रवेश न ले सकने के बाद मैंने आपसे ...... फ़िर दुबारा बात नहीं की । पर सर आज लेक्चर सुनकर और लाल्टू जी के ब्लॉग पर आपकी टिपण्णी पढ़ कर आँखें सजल हो आयी । ये तो उस विद्यार्थी का सौभाग्य है जिसको आप जैसा गुरु मिले । दुर्भाग्य तो हमारा है की हम पाकर भी ......... पर सर उसमें तो हमारा कोई दोष नहीं न था । था तो बस इतना ही की मैं परम्पराओं का पालन करता रहा और अंततः वही हुआ जो आप कभी भी हमसे आशा नहीं किए थे । सर , आज मैं ... बहुत दुखी हूँ । बहुत परेसान हूँ , इसलिए नहीं की कोई समस्या है पर वह समस्या ही तो है की आप से इतने दिन बात किए हो गया और आज मन भी कर रहा है तो ..... ब्लॉग पोस्ट कर रहा हूँ । पर क्या आप हमें माफ़ करेंगे ?
2 comments:
SIR,
CAN YOU ADJUST AN ARTICLE ON GLOBAL WARMING AND THE ROLE OF WESTWORLD IN IT'S PHYSICAL DISTT.
Rhythm
सर,
क्लासरूम के लेक्चर्स -३ " को आज हमने सुना , बहुत ही अच्छा लगा । पर क्योंकि हमने कुछ ठीक इन दिनों नहीं किया इसलिए आपके सामने आने से डर सा लगता है । दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रवेश न ले सकने के बाद मैंने आपसे ...... फ़िर दुबारा बात नहीं की । पर सर आज लेक्चर सुनकर और लाल्टू जी के ब्लॉग पर आपकी टिपण्णी पढ़ कर आँखें सजल हो आयी । ये तो उस विद्यार्थी का सौभाग्य है जिसको आप जैसा गुरु मिले । दुर्भाग्य तो हमारा है की हम पाकर भी ......... पर सर उसमें तो हमारा कोई दोष नहीं न था । था तो बस इतना ही की मैं परम्पराओं का पालन करता रहा और अंततः वही हुआ जो आप कभी भी हमसे आशा नहीं किए थे । सर , आज मैं ... बहुत दुखी हूँ । बहुत परेसान हूँ , इसलिए नहीं की कोई समस्या है पर वह समस्या ही तो है की आप से इतने दिन बात किए हो गया और आज मन भी कर रहा है तो ..... ब्लॉग पोस्ट कर रहा हूँ । पर क्या आप हमें माफ़ करेंगे ?
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