Thursday, October 4, 2007

थोड़ी सी कविताएं-2

हर झुका पेड महात्मा नहीं होता
कुछ पेड झुक जाते हैं
ताकत भर लेने को
जोर से प्रतिद्वंदी से टकरा जाने को
झुकना
पैर के नीचे की जमींन फैलाना भी होता है

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